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3 अग॰ 2018
29 जुल॰ 2018
Sawan Quotes in Hindi | Om Namah Shivay!, Lord Shiva Quotes

18 मई 2018
Aaj Ka Suvichar For You - आज का सुविचार, Quotes of the day
Aaj Ka Suvichar in Hindi
Quotes of the day
आज का सुविचार
(Aaj ke suvichar Hindi )
एक पत्थर वो जो मंदिर मे पूजा जाता है,
दूसरा वो जो ठोकरों से ठुकराया जाता हैएक पूजा जाता है तो दूसरा पैरों से ठोकर खाता है
अपनी अपनी किस्मत की बात है, एक राजा सा एक रंक सा,
जन्म पत्थर का ही पाया, फिर भी भाग्य अलग अलग पाया।
जिंदगी में अच्छे लोगों की तलाश करना बंद कर दों,
खुद अच्छे बन जाओ और सफलता प्राप्त करने की कोशिश करों।
किसी के सरल स्वभाव को उसकी कमज़ोरी न समझें।
क्योंकि संस्कार सब कुछ बयां कर देती है।
सिख हर बार नहीं मिलती है।
इसलिए जीत पर कभी घमंड न करें,
और हार पर कभी न पछतावा।
18 अप्रैल 2018
Jeevan men satya ki pahachan
जीवन के सत्य की पहंचान
आंसू जताते है दर्द कैसा है।
बेरूखी बताती है हमदर्द कैसा है।
घमंड बताता है अमीर कैसा है।
संस्कार बताते है परिवार कैसा है।
बोली बताती है इंसान कैसा है।
बहस बता देती है ज्ञान कैसा है।
नजरे बताती है सूरत कैसी है।
स्पर्श बता देता है नीयत कैसी है।
5 अप्रैल 2018
Bharat Bandh - A Story of MP Hero, Sajid
भारत बंद के दौरान ऐसा हिम्मत का काम - ऐसे व्यक्ति को सलाम
साजिद भाई की कहानी
हम ऐसे व्यक्ति को सलाम करना चाहिए जिसमें अपनी जिन्दगी से ज्यादा दूसरों की जिंदगी को बचाने का हिम्मत हो। आज हम ऐसे ही एक व्यक्ति के बारे में बात कर रहे है जो एक ड्राइवर है। इनका नाम साजिद है। भारत बंद के दौरान मध्यप्रदेश में कुछ आंदोलनकारियों ने एक पेट्रोल के टैंकर में आग लगा दिया। उस समय साजिद ने देखा कि पैट्रोल टैंकर में आग लगी है, तब साजिद ने हिम्मत से काम लिया और सोचा कि टैंकर यदि इस रिहायशी इलाके में फटा तो सैकडों लोगों कि जान चली जायेगी। फिर क्या इन्होने हिम्मत से काम लिया और अपनी जान की प्रवाह किये बैगर टैंकर को रिहायशी इलाके से दूर ले जाकर छोड़ा। इस हादसे में इनकी हाथ झुलस गयें। अब अंदाजा लगाइये कि यदि यह पेट्रोल से भरा टैंकर उस रिहायशी इलके में फटता तो कितने मासूम लोग मारे जाते। खुशी की बात यह है कि इन्होने हजारों लोगों की जान बचाई। हमें ऐसे लोगों को सलाम करना चाहिए न कि उसे जिसने भारत बंद का समर्थनकर लोगों के साथ लूट पाट की और हजारों लोगों को तंग किया।
साजिद भाई आपको हम तहे दिल से सलाम करते है।
दलित होना कोई पाप नहीं, हमारे देश में आज भी बहुत से लोग है जो उच्च जाति में होते हुए भी बहुत गरीब है यहा तक के दो वक्त के रोटी भी बड़ी मुश्किल से जुटा पाते हैं। इसलिए असली दलित तो वह है जो गरीब है और जिसको सही मायने में आरक्षण की जरूरत है। हम ऐसे हजारों दलित भाइयों का सम्मान करते हैं जिन्होने भारत बंद का समर्थन नहीं किया। आज में उन लोगों के लिए एक सुविचार लिख रहा हूं जिन्होने भारत बंद का आवाहन किया और हजारों लोगों को बेवजह परेशान किया।
आज का सुविचार
जो भगवान का सौदा करता है ,
वो इन्सान की कीमत क्या जाने ,,
जो भारत बंद की बात करता है,
वो अम्बेडकर की कीमत क्या जाने!
एक सोच और एक विचार
भीमराव रामजी आंबेडकर ने कभी नहीं कहा कि भारत बंद की जाएं बल्कि उन्होने तो अपने समय यह कहा होगा कि इतनी मेहनत करों कि भारत से गरीबी मिट जाये। मैं यह बात इसलिए कह रहा हूं कि इनकी शिक्षा जितनी थी उस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भीमराव रामजी आंबेडकर कितने मेहनती व्यक्ति थे। इनके नाम का गलत मतलब न लगाये इन्होंने सविधान को उस समय के हिसाब से लिखा होगा जिस समय में वो थे। समय के साथ साथ परिवर्तन करना पड़ता है, नहीं तो अंत निकट आ जाता है इसलिए समय और परिस्थिति के साथ बदना सीखें।
Author - Vinay Singh
3 अप्रैल 2018
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सुविचार
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
Beti Bachao Beti Badhao
एक सुविचार, जिसाक पालन हम सभी को करना चाहिए
एक गांव में एक व्यक्ति के घर लगातार 8वीं बार बेटी पैदा हुई तो दमपत्ति ने कहा की नहीं पालेंगे इसे। NGO के दे देते हैं। कितना भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अभियान मोदी जी चला लें पर समाज में आज भी लोग बेटे के बिना लोग अपने परिवार को अधूरा ही समझते हैं। बेटे की चाह में जब एक गरीब दंपत्ति के घर लगातार 8वीं बार बेटी हुई तो उसने उसे एक अनाथालय में छोड़ दिया।
अब हमें समझ में नहीं आता की ऐसा करने की जरूरत ही क्या थी यदि वह पहले ही दो लड़की होने के बाद संतान नहीं करता तो क्या उसका घर सहीं से चल नहीं सकता था क्या। लेकिन नहीं इस परिवार को तो बेटा चाहिए था सो बेटे के चाह में ऐसा होता चला गया। कुछ लोगों को लाख समझा लो की बेटा और बेटी में कुछ फर्क नहीं होता मगर वे सझने के लिए तैयार नहीं होते।
आज के समय में ऐसा क्या चीज है जो लड़का कर सकता है लड़की नहीं। आपने ने ऐसे बहुत सी महिलाओं को देखा होगा जो उन्होने किया है शायद वो लड़का नहीं कर सकता। आज भारत तथा अन्य देशों में लड़किया फाईटर प्लेन तक उड़ा रही है। जिस दिन आपने ये समझ लिया की लड़का लड़की में फर्क नहीं होता उस दिन आपके पैस इस प्रकार की नौबत नहीं आयेगी।
आज के समय को देखकर ऐसा लगता है कि हमारा जमाना चाहे कितना भी मॉडर्न क्यों न हो जाये लेकिन आज भी हमारे इस समाज में लड़का-लड़की का फर्क करना लोग नहीं भूलते। हमारे देश में कई क्षत्रों में तो महिलाओं की दशा इतनी खराब है कि हर महिला यह पूछने पर मजबूर हो जाती है कि क्या हमारी दशा में कब सुधार होगी। हमें कब खुली हवा में सांस लेने की आजादी मिलेगी। क्या हमानें बेटी के रूप में जन्म लेकर कोई पाप किया है। कभी कभी तो महिलायें ये सोचने पर मजबूर हो जाती है कि जन्म लेते ही हमें पिता के अधीन, फिर पति की, बुढ़ी और विधवा होने के बाद अपने बेटे के अधीन होना पड़ता है। इस प्रकार की परिस्थिति में कभी सुधार होगा या नहीं।
हम अगर लड़कियों को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखेंगे तो उनकी स्थिति में सुधार नहीं होने वाला। हमें समझना होगा की एक स्त्री के कारण ही हमारा जन्म हुआ है और उसको अगर अजादी नहीं दे सकते तो क्या हमें जीने का हक है। जब तक हम लोग बेटा और बेटी को सामान नहीं समझेंगे तब तक बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सलोगन का कई मतलब नहीं बनता। हमें इस प्रकार के फर्क करने वाले स्थिति से ऊपर उठना होगा और बेटा-बेटी के फर्क के चश्मे को दूर करना होगा तभी हम एक अच्छे सामाज की कल्पना कर सकते हैं।
Author - Vinay Singh
2 अप्रैल 2018
Meri bachapan ki yaden
मेरी बचपन की यादें
डाल-डाल पर डोल रही है।
कु-कु करके गीत सुनाती,
कभी नहीं मेरे घर आती।
तोता हूं मै तोता हूं,
हरे रंग का होता हूं।
चोंच मेरी लाल है,
सुन्दर मेरी चाल है।
बागो में मैं जाता हूं,
ताजे फल खाता हूं।
उधर से आऐ देख माली,
पत्तो में छूंप जाता हूं।
मछली जल की रानी है,
जीवन उसका पानी है।
हाथ लगाओ डर जाएगी,
बाहर निकालो मर जाएगी,
दो दिन रख दो सड़ जाएगी।
सूरज की किरने आती है,
सारी कलियाँ खिल जाती है।
अंधकार सब खो जाता है,
सब जग सून्दर हो जाता है।
मेरी इस कविता से यदि अपकी यादें भी ताजा हुई है तो आप कुछ खास कविता जो आपको याद हो मेरे साथ Share करें हम आपके नाम के साथ यहां पर पोस्ट करेंगे।
My Nick Name - Kitty
Author Name - Indu Singh
31 मार्च 2018
Shan Man Ka Chamatkar - Peace of Mind, शांत मन, चमत्कार
शांत मन हमेशा चमत्कार कर सकता है जाने कैसे?
एक बार की बात है एक किसान ने अपनी घड़ी को चारे से भरे हुए बाड़े में खो दिया। उसकी घड़ी बहुत ही महंगी थी इसलिए उसने घड़ी को बहुत अधिक खोजा लेकिन घड़ी मिली नहीं।
उसी के पास कुछ बच्चे खेल रहे थे और किसान को कुछ और भी काम करना था। तब उसने सोचा कि क्यों न बच्चों को घड़ी खोजने के लिये कह दूं। फिर इसके बाद उसने बच्चों को कहा कि जो बच्चा घड़ी को खोज लेगा, उसे अच्छा इनाम दिया मिलेगा।
ऐसा सुनकर बच्चे लालच में आ गये और चारे के बाड़े के अन्दर दौड़ गये। इसके बाद वे घड़ी को ढूंढने लगे। किंतु बहुत अधिक ढूंढने के बाद भी घड़ी नहीं मिली। इसके बाद एक बच्चा किसान के पास गया और बोला कि मैं घड़ी को ढूंढ सकता हूं। लेकिन मेरी एक शर्त है कि सारे बच्चे को बड़े से बाहर जाना होगा। तब किसान ने उसकी यह बात मान ली। इसके बाद सारे बच्चे बाड़े से बाहर आ गये। इसके बाद वह बच्चा बाड़े के अंदर अकेला चला गया और कुछ समय बाद ही वह घड़ी के साथ वापस आ गया।
घड़ी को देखकर किसान बहुत अधिक खुश हो गया और आश्चर्यचकित भी हुआ। इसके बाद उसने बच्चे से पूछा कि तुमने किस तरीके से घड़ी को खोजी। जबकि बाकि बच्चे और मैं खुद भी उसे बहुत कोशिश के बाद भी नहीं ढूंढ पाया।
इसके बाद बच्चे ने किसान को बोला कि मैनें घड़ी को ढूंढने के लिए कुछ ज्यादा मेहनत नहीं की, बस शांत मन से जमीन पर बैठकर घड़ी के आवाज को सुनने की कोशिश की। वहा पर बड़ी शांती थी इसलिए मैनें घड़ी के आवाज को सुन ली और उसी तरफ देखा तो मुझे घड़ी मिल गई।
सुविचार : - इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि यदि किसी भी कार्य को शांत दिमाग से किया जाये तो वह ठीक प्रकार से हो सकता है जैसे बच्चे ने शांत दिमाग से घड़ी को खोज निकाला। इसलिए कहा जाता है कि एक शांत दिमाग ठीक प्रकार से सोच सकता है, एक थके हुए दिमाग की तुना में। आप प्रतिदिन कुछ समय के लिए अपनी आंखों को बंद करके शांत बैठिये और मष्तिष्क को शांत होने दीजिये और फिर देखिये आपके जिंदगी का हर काम कैसे असानी से हल हो जायेगा। एक बात अवश्य जान लीजिए कि हमारी आत्मा हमेशा अपने आप को ठीक करना जनती है, बस आप अपने मन को शांत कीजिए।
6 मार्च 2018
2 फ़र॰ 2018
An emotional Story – Love you papa | Suvichar For You, इमोशनल स्टोरी
An emotional story of father and daughter – Love you papa
एक पिता और बेटी इमोशनल स्टोरी - लव यू पापा
एक 10 साल की बेटी, अपने पापा से बोली जो कि अभी अभी ही Office
से घर आये थे!
पापा जी मैंने
आपके लिए आज हलवा बनाया है, खा लिजिए।
पिता ने
मुस्कुराते हुए कहा क्या बात है लाकर खिलाओ मुझे।
इतना सुनकर बेटी
दौड़ती हुई रसोई में गई और एक कटोरे में हलवा (Pudding) भरकर ले आई।
पिता ने हलवा खाते
हुए बेटी को प्यार से देखा और उसकी मुस्कुराहट (smile) को दिल ही दिल में महसूस करते हुए भवनावों के सागर में बहने लगा। उसके आंखों
से आंसू बहने लगे। अब भावनाओं का समंदर उसके हृदय बह रहा था और एक अजीब सा प्यार (Love) बेटी पर उसे आ रहा था।
ऐसा देखकर बेटी ने अपनी Dady से कहा कि क्या हुआ पापा। हलवा (Pudding) अच्छा नहीं बना?
पिता ने कहा कि नहीं बेटी यह बहुत अच्छा बना है। और देखते देखते पूरा कटोरा खाली कर दिया, इतने में माँ बाथरूम से स्नान करके बाहर आई और बोली कि ला मुझे भी जरा हलवा खिला, मै भी तो देखू यह कैसा बना है जिसकी वजह से ये तारीफ कर रहे हैं तेरी।
तभी पिता ने बेटी को 500 रु इनाम में दिए इसके बाद बेटी खुशी से रसोई में हलवा लेने गई और मां के लिए हलवा ले आई।
लेकिन जैसे ही मां हलवा की पहली चम्मच मुंह में डाली, अचानक (तुरंत) थूक दिया और बोली कि what is this? ये क्या बनाया है। It is not Halwa, इसमें तो चीनी ही नहीं है केवल नमक (Salt) भरा हुआ है। ये तो जहर (Poison) लग रहा है। आप इसे कैसे खा गये।
मेरे बनाये हुए खाने
में तो आपको नमक मिर्च कम लगती है। हमेशा आप खाने की बुराई करते रहते हो। कभी आप
कहते हो कि नमक मिर्च कम है तो कभी तेज। बेटी
को कुछ कहने के बजाए इनाम दे रहे हो....
इसके बाद पिता ने
हँसते हुओ कहा अरे पगली तेरा मेरा तो जीवन भर का साथ वाला रिशता है, पति पत्नी में नौक झौक रूठना मनाना तो चलता रहता
है। मगर ये तो लड़की है कल चली जाएगी। आज मुझे वो एहसास (feeling) और वो अपनापन महसूस (Feeling of affinity) हुआ जो इसके जन्म (birth) के समय महसूस हुआ था। आज इसने बडे प्यार से मेरे
लिए कुछ बनाया है। ये चाहे जैसा भी हो मेरे लिए सबसे बेहतर और स्वादिष्ट
खाना है। बेटियां हमेशा अपने पापा की परियां और राजकुमारी होती है। जैसे तुम अपने पापा की लाडली
बेटी (Lovely
Daughter) हो।
फिर वह रोते हुए
पति के सीने से लग गई और सोचने लगी कि इसीलिए हर लडकी अपने पति में अपने पापा की
छवि (Image) ढूंढती है।
दोस्तों यदि यह story आपके
दिल (Heart) को छूं गई हो तो इसे अधिक से अधिक share करें।
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