5 अप्रैल 2018

Bharat Bandh - A Story of MP Hero, Sajid

भारत बंद के दौरान ऐसा हिम्मत का काम - ऐसे व्यक्ति को सलाम

साजिद भाई की कहानी

Sajid Bhai Apko Salam karte hai

हम ऐसे व्यक्ति को सलाम करना चाहिए जिसमें अपनी जिन्दगी से ज्यादा दूसरों की जिंदगी को बचाने का हिम्मत हो। आज हम ऐसे ही एक व्यक्ति के बारे में बात कर रहे है जो एक ड्राइवर है। इनका नाम साजिद है। भारत बंद के दौरान मध्यप्रदेश में कुछ आंदोलनकारियों ने एक पेट्रोल के टैंकर में आग लगा दिया। उस समय साजिद ने देखा कि पैट्रोल टैंकर में आग लगी है, तब साजिद ने हिम्मत से काम लिया और सोचा कि टैंकर यदि इस रिहायशी इलाके में फटा तो सैकडों लोगों कि जान चली जायेगी। फिर क्या इन्होने हिम्मत से काम लिया और अपनी जान की प्रवाह किये बैगर टैंकर को रिहायशी इलाके से दूर ले जाकर छोड़ा। इस हादसे में इनकी हाथ झुलस गयें। अब अंदाजा लगाइये कि यदि यह पेट्रोल से भरा टैंकर उस रिहायशी इलके में फटता तो कितने मासूम लोग मारे जाते। खुशी की बात यह है कि इन्होने हजारों लोगों की जान बचाई। हमें ऐसे लोगों को सलाम करना चाहिए न कि उसे जिसने भारत बंद का समर्थनकर लोगों के साथ लूट पाट की और हजारों लोगों को तंग किया। 

साजिद भाई आपको हम तहे दिल से सलाम करते है।

दलित होना कोई पाप नहीं, हमारे देश में आज भी बहुत से लोग है जो उच्च जाति में होते हुए भी बहुत गरीब है यहा तक के दो वक्त के रोटी भी बड़ी मुश्किल से जुटा पाते हैं। इसलिए असली दलित तो वह है जो गरीब है और जिसको सही मायने में आरक्षण की जरूरत है। हम ऐसे हजारों दलित भाइयों का सम्मान करते हैं जिन्होने भारत बंद का समर्थन नहीं किया। आज में उन लोगों के लिए एक सुविचार लिख रहा हूं जिन्होने भारत बंद का आवाहन किया और हजारों लोगों को बेवजह परेशान किया। 

आज का सुविचार

जो भगवान का सौदा करता है ,
वो इन्सान की कीमत क्या जाने ,,
जो भारत बंद की बात करता है,
वो अम्बेडकर की कीमत क्या जाने!

एक सोच और एक विचार

भीमराव रामजी आंबेडकर ने कभी नहीं कहा कि भारत बंद की जाएं बल्कि उन्होने तो अपने समय यह कहा होगा कि इतनी मेहनत करों कि भारत से गरीबी मिट जाये। मैं यह बात इसलिए कह रहा हूं कि इनकी शिक्षा जितनी थी उस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भीमराव रामजी आंबेडकर कितने मेहनती व्यक्ति थे। इनके नाम का गलत मतलब न लगाये इन्होंने सविधान को उस समय के हिसाब से लिखा होगा जिस समय में वो थे। समय के साथ साथ परिवर्तन करना पड़ता है, नहीं तो अंत निकट आ जाता है इसलिए समय और परिस्थिति के साथ बदना सीखें। 

Author - Vinay Singh

3 अप्रैल 2018

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सुविचार

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

Beti Bachao Beti Badhao

एक सुविचार, जिसाक पालन हम सभी को करना चाहिए

एक सुविचार, जिसाक पालन हमें सभी को करना चाहिए

एक गांव में एक व्यक्ति के घर लगातार 8वीं बार बेटी पैदा हुई तो दमपत्ति ने कहा की नहीं पालेंगे इसे। NGO के दे देते हैं। कितना भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अभियान मोदी जी चला लें पर समाज में आज भी लोग बेटे के बिना लोग अपने परिवार को अधूरा ही समझते हैं। बेटे की चाह में जब एक गरीब दंपत्ति के घर लगातार 8वीं बार बेटी हुई तो उसने उसे एक अनाथालय में छोड़ दिया। 

अब हमें समझ में नहीं आता की ऐसा करने की जरूरत ही क्या थी यदि वह पहले ही दो लड़की होने के बाद संतान नहीं करता तो क्या उसका घर सहीं से चल नहीं सकता था क्या। लेकिन नहीं इस परिवार को तो बेटा चाहिए था सो बेटे के चाह में ऐसा होता चला गया। कुछ लोगों को लाख समझा लो की बेटा और बेटी में कुछ फर्क नहीं होता मगर वे सझने के लिए तैयार नहीं होते। 

आज के समय में ऐसा क्या चीज है जो लड़का कर सकता है लड़की नहीं। आपने ने ऐसे बहुत सी महिलाओं को देखा होगा जो उन्होने किया है शायद वो लड़का नहीं कर सकता। आज भारत तथा अन्य देशों में लड़किया फाईटर प्लेन तक उड़ा रही है। जिस दिन आपने ये समझ लिया की लड़का लड़की में फर्क नहीं होता उस दिन आपके पैस इस प्रकार की नौबत नहीं आयेगी। 

आज के समय को देखकर ऐसा लगता है कि हमारा जमाना चाहे कितना भी मॉडर्न क्यों न हो जाये लेकिन आज भी हमारे इस समाज में लड़का-लड़की का फर्क करना लोग नहीं भूलते। हमारे देश में कई क्षत्रों में तो महिलाओं की दशा इतनी खराब है कि हर महिला यह पूछने पर मजबूर हो जाती है कि क्या हमारी दशा में कब सुधार होगी। हमें कब खुली हवा में सांस लेने की आजादी मिलेगी। क्या हमानें बेटी के रूप में जन्म लेकर कोई पाप किया है। कभी कभी तो महिलायें ये सोचने पर मजबूर हो जाती है कि जन्म लेते ही हमें पिता के अधीन, फिर पति की, बुढ़ी और विधवा होने के बाद अपने बेटे के अधीन होना पड़ता है। इस प्रकार की परिस्थिति में कभी सुधार होगा या नहीं। 

हम अगर लड़कियों को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखेंगे तो उनकी स्थिति में सुधार नहीं होने वाला। हमें समझना होगा की एक स्त्री के कारण ही हमारा जन्म हुआ है और उसको अगर अजादी नहीं दे सकते तो क्या हमें जीने का हक है। जब तक हम लोग बेटा और बेटी को सामान नहीं समझेंगे तब तक  बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सलोगन का कई मतलब नहीं बनता। हमें इस प्रकार के फर्क करने वाले स्थिति से ऊपर उठना होगा और बेटा-बेटी के फर्क के चश्मे को दूर करना होगा तभी हम एक अच्छे सामाज की कल्पना कर सकते हैं।
Author - Vinay Singh

2 अप्रैल 2018

Meri bachapan ki yaden

मेरी बचपन की यादें

मेरी बचपन की यादें


        काली कोयल बोल रही है,
डाल-डाल पर डोल रही है।
कु-कु करके गीत सुनाती,
कभी नहीं मेरे घर आती।

       तोता हूं मै तोता हूं,
                   हरे रंग का होता हूं।
      चोंच मेरी लाल है,
                   सुन्दर मेरी चाल है।
                 बागो में मैं जाता हूं,
ताजे फल खाता हूं।
                  उधर से आऐ देख माली,
पत्तो में छूंप जाता हूं।

मछली जल की रानी है,
जीवन उसका पानी है।
हाथ लगाओ डर जाएगी,
बाहर निकालो मर जाएगी,
दो दिन रख दो सड़ जाएगी।

                                         सूरज की किरने आती है,
         सारी कलियाँ खिल जाती है।
                                         अंधकार सब खो जाता है,
         सब जग सून्दर हो जाता है।

मेरी इस कविता से यदि अपकी यादें भी ताजा हुई है तो आप कुछ खास कविता जो आपको याद हो मेरे साथ Share करें हम आपके नाम के साथ यहां पर पोस्ट करेंगे।

My Nick Name - Kitty
Author Name - Indu Singh

31 मार्च 2018

Shan Man Ka Chamatkar - Peace of Mind, शांत मन, चमत्कार

शांत मन हमेशा चमत्कार कर सकता है जाने कैसे?

एक बार की बात है एक किसान ने अपनी घड़ी को चारे से भरे हुए बाड़े में खो दिया। उसकी घड़ी बहुत ही महंगी थी इसलिए उसने घड़ी को बहुत अधिक खोजा लेकिन घड़ी मिली नहीं। 

उसी के पास कुछ बच्चे खेल रहे थे और किसान को कुछ और भी काम करना था। तब उसने सोचा कि क्यों न बच्चों को घड़ी खोजने के लिये कह दूं। फिर इसके बाद उसने बच्चों को कहा कि जो बच्चा  घड़ी को खोज लेगा, उसे अच्छा इनाम दिया मिलेगा।  

ऐसा सुनकर बच्चे लालच में आ गये और चारे के बाड़े के अन्दर दौड़ गये। इसके बाद वे घड़ी को ढूंढने लगे। किंतु बहुत अधिक ढूंढने के बाद भी घड़ी नहीं मिली। इसके बाद एक बच्चा किसान के पास गया और बोला कि मैं घड़ी को ढूंढ सकता हूं। लेकिन मेरी एक शर्त है कि सारे बच्चे को बड़े से बाहर जाना होगा। तब किसान ने उसकी यह बात मान ली। इसके बाद सारे बच्चे बाड़े से बाहर आ गये। इसके बाद वह बच्चा बाड़े के अंदर अकेला चला गया और कुछ समय बाद ही वह घड़ी के साथ वापस आ गया। 

घड़ी को देखकर किसान बहुत अधिक खुश हो गया और आश्चर्यचकित भी हुआ। इसके बाद उसने बच्चे से पूछा कि तुमने किस तरीके से घड़ी को खोजी। जबकि बाकि बच्चे और मैं खुद भी उसे बहुत कोशिश के बाद भी नहीं ढूंढ पाया। 

इसके बाद बच्चे ने किसान को बोला कि मैनें घड़ी को ढूंढने के लिए कुछ ज्यादा मेहनत नहीं की, बस शांत मन से जमीन पर बैठकर घड़ी के आवाज को सुनने की कोशिश की। वहा पर बड़ी शांती थी इसलिए मैनें घड़ी के आवाज को सुन ली और उसी तरफ देखा तो मुझे घड़ी मिल गई। 

शांत मन हमेशा चमत्कार कर सकता है जाने कैसे?

सुविचार : - इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि यदि किसी भी कार्य को शांत दिमाग से किया जाये तो वह ठीक प्रकार से हो सकता है जैसे बच्चे ने शांत दिमाग से घड़ी को खोज निकाला। इसलिए कहा जाता है कि एक शांत दिमाग ठीक प्रकार से सोच सकता है, एक थके हुए दिमाग की तुना में। आप प्रतिदिन कुछ समय के लिए अपनी आंखों को बंद करके शांत बैठिये और मष्तिष्क को शांत होने दीजिये और फिर देखिये आपके जिंदगी का हर काम कैसे असानी से हल हो जायेगा। एक बात अवश्य जान लीजिए कि हमारी आत्मा हमेशा अपने आप को ठीक करना जनती है, बस आप अपने मन को शांत कीजिए।
Author - Vinay Singh

2 फ़र॰ 2018

An emotional Story – Love you papa | Suvichar For You, इमोशनल स्टोरी

An emotional story of father and daughter – Love you papa

एक पिता और बेटी इमोशनल स्टोरी - लव यू पापा


एक 10 साल की बेटी, अपने पापा से बोली जो कि अभी अभी ही Office से घर आये थे!
पापा जी मैंने आपके लिए आज हलवा बनाया है, खा लिजिए।
पिता ने मुस्कुराते हुए कहा क्या बात है लाकर खिलाओ मुझे।
इतना सुनकर बेटी दौड़ती हुई रसोई में गई और एक कटोरे में हलवा (Pudding) भरकर ले आई।
पिता ने हलवा खाते हुए बेटी को प्यार से देखा और उसकी मुस्कुराहट (smile) को दिल ही दिल में महसूस करते हुए भवनावों के सागर में बहने लगा। उसके आंखों से आंसू बहने लगे। अब भावनाओं का समंदर उसके हृदय बह रहा था और एक अजीब सा प्यार (Love) बेटी पर उसे आ रहा था।
inspiring short stories with moral


ऐसा देखकर बेटी ने अपनी Dady से कहा कि क्या हुआ पापा। हलवा (Pudding) अच्छा नहीं बना?
पिता ने कहा कि नहीं बेटी यह बहुत अच्छा बना है। और देखते देखते पूरा कटोरा खाली कर दिया, इतने में माँ बाथरूम से स्नान करके बाहर आई और बोली कि ला मुझे भी जरा हलवा खिला, मै भी तो देखू यह कैसा बना है जिसकी वजह से ये तारीफ कर रहे हैं तेरी।
तभी पिता ने बेटी को 500 रु इनाम में दिए इसके बाद बेटी खुशी से रसोई में हलवा लेने गई और मां के लिए हलवा ले आई।

लेकिन जैसे ही मां हलवा की पहली चम्मच मुंह में डाली, अचानक (तुरंत) थूक दिया और बोली कि what is this? ये क्या बनाया है It is not Halwa, इसमें तो चीनी ही नहीं है केवल नमक (Salt) भरा हुआ है। ये तो जहर (Poison) लग रहा है। आप इसे कैसे खा गये।


मेरे बनाये हुए खाने में तो आपको नमक मिर्च कम लगती है। हमेशा आप खाने की बुराई करते रहते हो। कभी आप कहते हो कि नमक मिर्च कम है तो कभी तेज।  बेटी को कुछ कहने के बजाए इनाम दे रहे हो....

इसके बाद पिता ने हँसते हुओ कहा अरे पगली तेरा मेरा तो जीवन भर का साथ वाला रिशता है, पति पत्नी में नौक झौक रूठना मनाना तो चलता रहता है। मगर ये तो लड़की है कल चली जाएगी आज मुझे वो एहसास (feeling) और वो अपनापन महसूस (Feeling of affinity) हुआ जो इसके जन्म (birth) के समय महसूस हुआ था। आज इसने बडे प्यार से मेरे लिए कुछ बनाया है। ये चाहे जैसा भी हो मेरे लिए सबसे बेहतर और स्वादिष्ट खाना हैबेटियां हमेशा अपने पापा की परियां और राजकुमारी होती है। जैसे तुम अपने पापा की लाडली बेटी (Lovely Daughter) हो।

फिर वह रोते हुए पति के सीने से लग गई और सोचने लगी कि इसीलिए हर लडकी अपने पति में अपने पापा की छवि (Image) ढूंढती है।

दोस्तों यदि यह story आपके दिल (Heart) को छूं गई हो तो इसे अधिक से अधिक share करें।

12 जन॰ 2018

रावण और रामायण - रावण से जुड़े ये सच - Ravan, Oppressor, Moralist

 रावण एक अत्याचारी या सदाचारी मनुष्य

रावण एक अत्याचारी और दुराचारी व्यक्ति था या नहीं - एक भ्रांति


दोस्तों आजकल Social Media पर एक Trend बहुत तेजी से viral हो रहा है जिसमें ये बखान (Definition) किया जा रहा है कि रावण (Ravan) एक प्रकांड पंडित था और उसने माता सीता को कभी छुआ तक नहीं था। वह अपनी बहन (Surpanakha) के बेइज़्ज़ती का बदला लेने के लिये अपना पूरा कुल दाव पर लगा दिया था।

अरे भाई माता सीता को ना छूने का कारण उसकी शराफ़त नहीं बल्कि कुबेर के पुत्र नलकुबेर के द्वारा दिया गया श्राप (Curse) था।

रावण एक अत्याचारी और दुराचारी व्यक्ति

नलकुबेर का श्राप

विश्व विजय प्राप्त करने के लिए जब रावण स्वर्ग लोक (Heaven) पहुंचा तो उसे वहां पर रंभा नामक अप्सरा दिखाई दी। उसने अपनी वासना को पूरी करने के लिए उसे पकड़ लिया। तब रंभा ने उसे कहा कि आप मुझे स्पर्श न करें, मैं आपके बड़े भाई कुबेर के बेटे नलकुबेर (Nalkuber) की मंगेतर (दुलहिन) हूं इसलिए मैं आपकी पुत्रवधू के समान हूं। लेकिन Ravan ने उसका एक भा बात नहीं माना और उससे बुरा बरताव (Bad Behavior) किया। यह बात जब Nalkuber को पता चली तो उसने उसे (Ravan) को श्राप दे दिया कि आज के बाद यदि तुम किसी स्त्री की इच्छा के बिना स्पर्श करेगा (छूयेगा) तो Ravan तुम्हारे मस्तक के सौ टुकड़ों हो जाएंगे।

तो अब आप ये बताइये कि यदि किसी व्यक्ति को ये पता चल जाये कि इस कार्य को करने से मेरी मृतु हो जायेगी तो क्या वह उस कार्य को करेगा या नहीं। मेरे अनुसार तो बिल्कुल भी नहीं करेगा। इसलिए मुझे और आपको यह बात कहने में बिल्कुल भी हिचकिचाहट (Faltering) नहीं होनी चाहिए कि Ravan एक अत्याचारी और दुराचारी व्यक्ति (A bad person) था।

कुछ लोगों को तो मैने यह भी कहते हुए सुना है कि एक मां अपनी बेटी से ये पूछती है कि तुम्हें कैसा भाई चाहिये तो बेटी कहती है रावण जैसा जो अपनी बहन के अपमान का बदला लेने के लिये अपना सब कुछ न्योंछावर (Sacrifice) कर दिया।

सूर्पणंखा का श्राप

मेरे भाई ऐसा नहीं है कुछ लोग आपको आधे अधुरे ज्ञान (Half Knowledge) के करण गलत संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं या हिंदु धर्म (Hindu Religion) को बदनाम करने के लिए इस प्रकार की भ्रंति (Delusion) फैला रहे हैं। बल्कि सत्य तो यह है कि रावण की बहन सूर्पणंखा के पति का नाम विधुतजिव्ह था जो राजा कालकेय का सेनापति था। जब रावण तीनो लोको पर विजय प्राप्त करने के लिये निकला था तब उसको Raja Kaalkya से युद्ध करना पढ़ा था जिसमें उसने विधुतजिव्ह (Vidhuljiva) का वध कर दिया था। तब Shurpanakha ने अपने ही भाई (रावण) को श्राप दिया कि तेरे सर्वनाश (Extermination) का कारण मैं बनूंगी।

और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमरे इस Website को देखतें रहे और Comment Box लिखे।
धन्यवाद!

7 जन॰ 2018

Aaj ka suvichar in Hindi - Bhagwat Geeta Updesh

Aaj Ka Suvichar in Hindi


जय श्री कृष्णा

।। जय श्री कृष्णा ।।
भगवान श्री कृष्णा का अटूट विश्वास से सारे कार्य हमेशा पूर्ण हो जाते हैं इसलिए घर से जब भी बाहर निकले तो घर में विराजमान अपने प्रभु के मंदिर में जाकर उन्से जरूर मिलें
और जब भी लौट कर आए तो उनके दर्शन जरूर करें क्योंकि उनको भी आपके घर वापस आने का इंतजार रहता है।

"घर" में इस प्रकार का नियम बनाइए कि जब भी आप घर से बाहर जाएं तो घर के मंदिर के पास कुछ समय खड़े होकर प्रभु का ध्यान लगाए इससे मन शांत रहता है और सारे नकारात्मक विचार मन से बाहर हो जाते हैं। आप जिस काम के लिए जाते हैं वह काम भी अवश्य पूर्ण होता है क्योंकि जब किसी काम को शुद्ध मन और शांत भाव से किया जाता है तो प्रभु कि इच्छा से वह कार्य़ अवश्य सफल होता है।

Jo Man ko Niyantrit karta hai


जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान होता है।  - श्रीकृष्ण (भगवत गीता उपदेश)





मनुष्य हमेशा अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा वे विश्वास  करता है वैसा वे बन जाता है। - श्रीकृष्ण (भगवत गीता उपदेश)


नर्क के हमेशा तीन द्वार होता हैं - वासना, क्रोध और लालच। -  श्रीकृष्ण (भगवत गीता उपदेश)


जो कोई भी मनुष्य जिस भगवान में पूजा करने की इच्छ और विश्वास रखता है मैं उसका विश्वास उसी भगवान में पका कर देता हूं। -  श्रीकृष्ण (भगवत गीता उपदेश)

मन ही किसी का मित्र और शत्रु बन सकता है। - श्रीकृष्ण (भगवत गीता उपदेश)

Man hi man ka mitr aur shatru hota hai...

कृष्ण जी की बांसुरी के गुण 

पहला गुण - श्री कृष्‍ण भगवान की बांसुरी में गांठ नहीं होती है, जो संकेत देता है कि अपने अंदर किसी भी प्रकार की गांठ मत रखो यानि मन में।
अर्थात बदले की भावना मत रखो।

दूसरा गुण- बिना बजाये बांसुरी बजती नहीं है, अर्थात ये यह बता रही है कि जब तक आवश्यक नही हो, नहीं बोलना चाहिएं।

तीसरा गुण - जब भी बांसुरी बजती है, मधुर ही बजती है। अर्थात जब भी बोलो, मीठा ही बोलो।

14 दिस॰ 2017

Suvichar in Hindi | Inspirational and Motivational quotes, Anmol Vachan

Suvichar in Hindi for you...


Jiwan men do hi log asafal hote hai - life quotes

जीवन में दो ही लोग असफल होते हैं, एक वो जो सोचते है लेकिन करते नहीं दूसरे वो जो करते है पर सोचते नहीं।

Suvichar for you - Andhera chahe kitana bhi ghana ho

दुनियां में दो ही चीजें ऐसी होती है जिसमें किसी का कुछ नही जाता, एक मुस्कुराहट और दूसरी दुआ।

जीवन में दो ही लोग असफल होते हैं, एक वो जो सोचते है लेकिन करते नहीं दूसरे वो जो करते है पर सोचते नहीं।

अपनी सफलताऔ का रौब अपने मां-बाप को मत दिखाओ, उन्होने अपनी जिंदगी हार के आपको जिताया है।

कभी दूरी से घबराना नहीं चाहिए क्योंकि 
छोटे छोटे कदमों से ही लम्बी दूरी तय की जा सकती है।



तुम यूं ही सचते रहोगे, लोग कर जायेंगे।

तुम यूं ही टालते रहोगे, लोग बढ़ जायेंगे। 




जो हम दूसरों को देंगे, वहीं लौट कर आयेगा।

चाहे वो इज्जत, सम्मान हो या फिर धोखा ही क्यों न हो।




उड़ा देती है नींदे कुछ जिम्मेदारियां घर की,

रात में जागने वाला हर शख्स आशिक नहीं होता।




संतुष्ट जीवन सफल जीवन से सदैव श्रेष्ठ होता है

क्योंकि सफलता सदैव दूसरों के द्वारा आंकलित होती है

जबकि संतुष्टि स्वयं के मन और मस्तिष्ट द्वारा।




कुछ नेकिया ऐसी भी होनी चाहिए 
जिसका खुद के सिवा कोई गवाह न हो।


हर मर्ज का इलाज नहीं दवाखाने में,
कुछ दर्द चले जाते सिर्फ मुस्कुराने में।


सुबह की बधाई का मतलब सिर्फ किसी को गुड मोर्निंग या शुभ प्रभात कहना नहीं होता बल्कि इसके पीछे एक संदेश होता है, कि जब मैने आंख खोली तो मुझे आप याद थे।


लोग आपके बारे में क्या बोलते हैं यह मायने नहीं रखती लेकिन आप क्या उनके बारे में सोचते है ये खास होती है।


जिन्दगी एक बार मिलती है इसलिए भरपूर जियो लेकिन अच्छाई के साथ।


जिंदगी में समय का महत्व समझना चाहिए क्यूकि दुनिया में बड़े से बड़े चंद सेकंडो में हुए हैं। 


जिंदगी में सफलता पाने के लिए सोचने से ज्यादा करने में विश्वास करों।



सपना देखना अच्छी बात है लेकिन देखकर पुरा करना महान लोगों की निशानी।


अच्छे और बुरे विचार जिंदगी का आईना होते हैं जो मनुष्यों को अपनी जिमेदारियों का एहसास दिलाते हैं तथा सच्चे और अच्छे रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

13 दिस॰ 2017

IK Sharma - Suvichar | Inspirational Quotes In Hindi

IK Sharma Inspirational Quotes In Hindi


Khush Raha Karo Kyonki

Khush Raha Karo Kyonki
Pareshan Hone Se Kal Ki
Mushkil Aasan Nahi Hogi
Balki
Aaj Ka Sukoon Bhi Jata hai.


Cheenkh Kar Har Jid Poori Karwata Hai,  Eklauta Beta!!

Cheenkh Kar Har Jid Poori Karwata Hai,
Eklauta Beta!!
Magar Bitiya Gujara Kar Leti Hai,
Tooti Payal Jodakar...


Ik Sharma Quotes - Ghar Na Jaun

Ghar Na Jaun Kisi Ke To Rooth Jate Hai...
Gano Men Ab Bhi Wo Apnapan Baki Hai...


Mujhe Teri Prit Ne Mashahoor Kar Diya

Mujhe Teri Prit Ne Mashahoor Kar Diya Varna Surkhiyon Men Rahoo Itanai Aukat Kaha - IK Sharma Quotes

Yoon Hi Nahi Hoti Hath Ki Lakiron Ke Aage Ungaliyan.

Yoon Hi Nahi Hoti Hath Ki Lakiron Ke Aage Ungaliyan. Ishwar Ne Bhi Kismat Se Pahale Mehant Likhi Hai. IK Sharma Quotes

Dhan Ke Saath Pavitrata  Daan Ke Saath Vinay

(Char Durlabh Gun)
Dhan Ke Saath Pavitrata
Daan Ke Saath Vinay
Virta Ke Saath Daya
Adhikar Ke Saath Sevabhav 


Sambandh Kabhi Bhi Jeetkar Nahi Nibhaye Ja Sakate...!! 
 Sambhandon ki Khushahali Jhukane Aur Sahane se Badati Hain... IK Sharma Quotes

Pyare, Shayad Isiliye Hi Log Mujhe Matlabi Kahane Lage Hain

Pyare, Shayad Isiliye Hi Log Mujhe Matlabi Kahane Lage Hain. Ek "Tere" Siva Kisi Aur Se Matalabh Nahi Mujhe. IK Sharma Quotes

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