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Ankita Singh (Kavitri) | Jeevani, Agyat Tathy Tatha Kavita

अंकिता सिंह (कवित्री) - जीवनी, अज्ञात तथ्य तथा कविता

दोस्तों आज मैं आपको एक ऐसे Kavitri के बारे में जानकारी देने वाला हूं जो आजकल Social Media पर बहुत अधिक Famous है। आजकल के नये कवियों में से अंकिता सिंह बहुत लोकप्रिय है। इनकी कविता ऐसी होती है जो बच्चों से लेकर Bujurgon तक को काफी पसंद आती है। इनका पुरा नाम Ankita Singh Rathore है। इनका जन्म बिहार के गया में हुआ था। इंहोने 2008 में नेट परीक्षा पास की और इसके बाद बैंगलोर विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग में व्याख्याता के रूप में कार्य करना शुरू किया। Ankita Singh के पति का नाम धीरेंद्र लोढ़ा है और इनका विवाह 17 जून 2001 को हुआ था। 

Ankita Singh (Kavitri)

2019 में आजतक का एक कवि सम्मेलन (Poet Conference) हुआ था। जहां पर इंहोने भाग लिया और पुलवामा हमले पर एक कविता कही जो लोगों को काफी पसंद आया। इसके अलावा अंकिता सिंह बहुत अच्छी बेकर, चित्रकार और नर्तकी भी है। Ankita Singh की Popularity का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इनके बहुत सारे शो दुबई, अमेरिका और मलेशियां जैसे देशों में हो चुका है। Ankita Singh को ध्यान करने और आध्यात्मिकता में बहुत अधिक रुचि है। इनको पशुओं से बहुत अधिक लगाव है। 


यदि आप कवि सम्मेलन में रुचि रखते हैं और अंकिता सिंह के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपने सही जगह का चुनाव किया है। यहां पर आपको Ankita Singh की सारी जानकारी मिलने वाली है जैसे - आयु, शैक्षिक योग्यता, वेतन व अन्य जानकारी। 


अंकिता सिंह (कवित्री) - जीवनी, अज्ञात तथ्य तथा कविता

मुझसे पूछों न Dard की हद अब
Jahar से आबलों को भर डाला
पहले Sasural में ही जलती थी
अब तो सत्ता ने Rakh कर डाला!

Ankita Singh

अंकिता सिंह से संबंधित सामान्य जानकारी

 

सामान्य जानकारी

पूरा नाम अंकिता सिंह राठौर
जन्म की तारीख 25 दिसंबर
आयु ज्ञात नहीं है
जन्म का दिन गया, बिहार, भारत
शादी की तारीख 17 जून 2001
पति / पति धीरेंद्र लोढ़ा
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म हिन्दू धर्म
राशि - चक्र चिन्ह राशि
प्रफेशन कवि
बालों का रंग काला
ऊँचाई (लगभग) सेंटीमीटर में - मीटर में 165 सेमी - पैर और इंच में 1.65 मीटर - 5 '5 "
वैवाहिक स्थिति शादी शुदा
बच्चे 2
भाई शिवा सिंह राठौर

शैक्षिक योग्यता


यहां पर हम आपको Ankita Singh की शैक्षणिक योग्यता के बारे में बताने जा रहे हैं। अधिकांश लोग अपने पसंदीदा व्यक्ति की शैक्षिक योग्यता जनना चाहते हैं। कुछ प्रशंसक अपनी गतिविधियों, शिक्षा आदि के बारे में जानने के लिए अपने प्रशंसनीय हस्तियों का अनुसरण करना पसंद करते हैं। नीचे दी गई तालिका शैक्षिक योग्यता के बारे में है। हम हमेशा एक विश्वसनीय स्रोत पर निर्भर करते हैं, लेकिन इसे खोजना कठिन है। उस स्थिति में, हम इसे खाली रखते हैं।

स्कूल का नाम क्रीं मेमोरियल हाई स्कूल, गया
कोलाज मोदी इंस्टिट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी एंड साइंस (एम आई टी एस), सीकर, राजस्थान
शैक्षिक योग्यता / शैक्षिक स्तर पता नहीं

अंकिता सिंह का मैरिटल स्टेटस

आजकल बहुत सारे लोग है जो अपने पसंदीदा व्यक्ति के Marital Status के बारे में जानने के इच्छुक होते हैं। हम आपको यहां पर अंकिता सिंह की वैवाहिक स्थिति को बताने वाले हैं। यदि आप इनके व्यक्तिगत जीवन के बारे में जानने के इच्छु हैं तो यह प्रसंग आपके लिए है।

वैवाहिक स्थिति शादी शुदा
संबंध ज्ञात नहीं
शौक यात्रा करना, किताबें पढ़ना तथा कविताएँ लिखना
पसंदीदा चीज / व्यक्ति Civil Servant (IAS)
पति धीरेंद्र लोढ़ा

अंकिता सिंह के कुछ कविता

मौन सिंधु

मौन सिंधु के तले सहस्त्र शब्द सीप हैं ! डूब डूब चेतना अजस्त्र सीप चुन रही! (अजस्त्र:लगातार)

अनकहा रहा कभी,हुआ मुखर मुखर अभी दीप बातचीत का हुआ प्रखर प्रखर तभी कह रही स्वयं,स्वयं सुनूँ सभी कहा हुआ इस तरह समझ रही जटिल यथार्थ अनछुआ

दूर विश्व से कटी हुई पड़ी ज़मीन पर आज प्राण में विलुप्त एक विश्व सुन रही !

शांत शांत प्राण में भरा हुआ प्रमाद है गीत प्राण के उसी प्रमाद का निनाद है अब इसे दबा सकूँ न अब इसे छुपा सकूँ तो बता मुझे,इसे सहेज कर कहाँ रखूँ ?

गुनगुना रहा हृदय व पाँव भी थिरक रहे और रूह दूसरा सुरम्य गीत गुन रही !!

दब चुके सपन सभी प्रकट हुए निखर गए बीज बीज बढ़ गए घने विटप उभर गए (विटप:पेड़) छांव छांव ठंड है व शांति की बयार है विश्व में चलो कहीं मिला मुझे न क्षार है

एक स्वप्न जी रही,यक़ीन हो रहा नहीं और मौन व्यंजना अनेक स्वप्न बुन रही!

मौन सिंधु  Poem been written by

मैं तुम को याद करती हूं

अकेले बैठकर तुमको कभी जब याद करती हूं, मैं तुम को याद करती हूं.... मैं रोना-मुस्कुराना हाय दोनों साथ करती हूं।

यहीं सोफे पे बैठे, सात अंबर घूम आती हूं, तुम्हारा नाम चखती हूं नशे में झूम जाती हूं। कहां हूं मैं..? जहां मेरी खबर मुझ तक नहीं आती, क्या मेरी गुमशुदी की ये खबर तुम तक नहीं जाती। गली दिल की तुम्हारी याद से आबाद करती हूं, अकेले बैठकर तुमको कभी जब याद करती हूं।।

तेरा जाना मेरी आंखों में प्यासे ख्वाब बोता है तेरा तकिया लिपट कर मुझसे सारी रात सोता है। तेरी खुशबू मेरी सांसो की गलियों में टहलती है, बड़ी कमबख्त है ये आग, आंखों में पिघलती है। मैं सारी रात, सोना-जागना एक साथ करती हूं अकेले बैठकर तुमको कभी जब याद करती हूं ।।

तेरी बातों के फूलों से गजल मखदूम करती हूं मैं चुपके से तेरी DP 👬 को जब भी जूम करती हूं। तेरे फुके हुए सिगरेट में अक्सर आंख होती हूं तेरी लत में कभी धूँआ, कभी मैं ख़ाक होती हूं मैं अपने जख्म पे अश्कों की खुद बरसात करती हूं। मैं रोना मुस्कुराना हाय दोनों साथ करती हूं, अकेले बैठकर तुमको कभी जब याद करती हूं।।

मैं तुम को याद करती हूं  Poem been written by


Ankita Singh Poem - Maun Sindhu

दूर विश्व से कटी हुई पड़ी ज़मीन पर

गुनगुना रहा हृदय व पाँव भी थिरक रहे

एक स्वप्न जी रही,यक़ीन हो रहा नहीं


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