दिल को छूने वाली कहानी
दिल छू लेगी ये कहानी (Story) एक बार जरूर पढें.......*बहु ने आइने मेँ लिपिस्टिक ठिक करते हुऐ, कहा -
"माँ जी, आप अपना खाना (Food) बना लेना,
मुझे और इन्हें आज एक पार्टी (Party) में जाना है ..
"माँ ने कहा कि "बेटी गैस चुल्हा चलाना नहीं आता ..
"तो बेटे ने कहा कि "माँ, पास वाले मंदिर में आज भंडारा है ,
तुम वहाँ चली जाओ ना, खाना बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी...
"माँ चुपचाप (Silently) अपनी चप्पल पहन कर मंदिर (Temple) की ओर हो चली..
यह पुरा वाक्या (Sentence) twelve साल का अमित सुन रहा था |
पार्टी (Party) में जाते वक्त रास्ते (Way) में अमित ने अपने पापा से कहा कि
"पापा जब मैं बड़ा आदमी बन जाऊंगा तब मैं भी अपना घर (House) किसी मंदिर के पास ही बनाऊंगा.!
माँ ने पुछा - क्यों बेटा ?
अमित ने जवाब दिया, जिसे सुनकर उस बेटे और बहु का सिर, शर्म से नीचे झुक गया, जो अपनी माँ को मंदिर में छोड़ आए थे..
अमित ने कहा कि क्योंकि माँ जब मुझे भी किसी दिन ऐसी ही किसी पार्टी में जाना पड़ेगा तब तुम भी तो किसी मंदिर में भंडारे खाने जाओगी ना और मैं नहीं चाहता कि आपको कहीं दूर के मंदिर में जाना पड़े..!...
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