Bagiya-Geet Aur Kavita-1

आसमान में उड़ना चाहा, पंखों में कुछ तीर चुभे है अधरो ने गाना तो चाहा, पर मन में ही गीत दबे हैं खिलखिलके हसना तो चाहा, मुसका नोपर लगे हैं

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