Teri Ankhe Ab Hogi na Kabhi nam - Geet aur kavita

Teri Ankhe Ab Hogi na Kabhi nam

तेरी आँखें अब होगी ना कभी नम  तू जो देख ले तो भुला दे में सारे ग़म  तू जो चाहे जो बदलेगा मौसम  यह जो पल हैं इन्हे ख़ुशियो से भर लो तुम

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