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Katu satya suvichar

 कटु सत्य सुविचार

Katu satya suvichar

चलिए आज हम Katu satya suvichar को समझने के लिए एक कहानी और उसकी विनेचना का समझते हैं। क्या आपको पता है कि शेर जंगल का राजा होते हुए भी अपने शिकार के 75% आक्रमणों में असफल हो जाता है। कहने का मतलब यह है कि वे 100 शिकार करता है तो उसमें से 75 बार फेल हो जाता है। कभी आपने इससे अपने जीवन की तुलना की है क्या। अगर नहीं तो अब करने की जरुरत है। क्या आप कभी असफल हुए हैं, क्या आपने उस असफलता को क्षेल पाया है। बहुत से मनुष्य अपनी असफलता के कारण अवसाद में चले जाते हैं। लेकिन कभी भी शेर को देखा है कि वह अवसाद में गया हो। नहीं ना। शेर तो 25% सफलता पाकर भी जंगल का राजा कहलता है। वह कभी मायुष नहीं होता। बल्कि वह अपने जीवन में नई उर्जा को भरकर फिर से शिकार करने के लिए तैयार हो जाता है। 


शेर के इस घटना को समझकर हमे कुछ सीखने की जरुरत है। शेर 75% आक्रमणों में असफल हो जाता है। इसका आप सीधा सा मतलब भी लगा सकते हैं कि उसने 75% हमलों में अपने आप को बचा लिया। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि शेर जिसका शिकार कर रहा था उसमें 75% आक्रमणों में  अपने आप को बचा लिया। जंगल का सबसे खुखार पशु शेर होता है और वह कई बार अपने शत्रु का पराजित कर चुका है तभी तो आज भी उसका वजूद बरकरार है। क्या आपको पता है कि जंगल में शेर का शत्रु कौन कौन है। शेर का शत्रु मनुष्य, चीता, तेंदुआ और कई अन्य जानवर भी है लेकिन फिर भी वह उनसे बचकर जिंदा है और आज भी जंगल का राजा कहला रहा है। 


शेर आज भी जिंदा इसलिए है क्योंकि वह जिंदा रहना चाहता है। हिरणों का कई झुंड उसके सामने से गुजरते होंगे और हिरणों के कुछ साथी शेर द्वारा मारे भी जाते होंगे। लेकिन क्या हिरणें मायुष होकर अपनी जीवन को तबाह करते हैं। नहीं ना। वे कभी हार नहीं मानते। वे अवसाद में कभी भी नहीं पड़ते हैं। अब आप लोग सोच रहे होंगे कि इससे भला हमारा क्या लेना देना। लेना देना तो है। क्योंकि आपने कई लोगों को अवसाद में पड़कर अपने जीवन को तबाह करते हुए देखा होगा। आप उन लोगों को इस लेख से प्रेरणा लेकर समझा सकते हैं। आप उनके अवसाद को दूर कर सकते हैं। आपकी एक कोशिश किसी की जान को बचा सकती है। जो बच्चा अपने जीवन में  75% से अधिक मार्क्स लाता है। वह भी जीना चाहता है और जो 25% लाता है वह भी जीना चाहता है। एक अवसाद में पड़कर बच्चों को उनकी जिंदगी को बरबाद न होने दें। 

      

जंगल में स्वतंत्र जीवन जी रहे पशु का जीवन आज के मनुष्यों के जीवन से बहुत अधिक कठिन और  संघर्षपूर्ण है। लेकिन वे जिंदगी को जीना चाहते हैं। मनुष्यों के पास तो केवल पैसा कमाने की समस्यां है। जबकि शेष जातियां जीवित रहने के लिए संघर्ष करती रहती है। फिर भी वे हर पल को आनंद के साथ जी रहे हैं। वे अपने भविष्य के लिए कभी भी चिंतित नहीं होते हैं। हमेशा जीवन का आनंद लेते हैं। आप क्यों ऐसा नहीं कर सकते। 


अच्छी खासी स्थिति में जी रहा व्यक्ति अपने शानदार कमरे में बैठ कर वाट्सप पर अपनी जाति या सम्प्रदाय के लिए मैसेज छोड़ता है कि "हम खत्म हो जाएंगे"। और उसी की तरह का दूसरा सम्पन्न मनुष्य झट से इसे सच मान कर उसपर रोने वाली इमोजी लगा देता है। दोनों को लगता है कि यही संघर्ष है। वे समझ ही नहीं पाते कि यह संघर्ष नहीं, अवसाद है।

      

आजकल अच्छी खासी स्तिति में जीवन जी रहा व्यक्ति कमरे में बैठकर वाट्सप, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया चला रहा है। जाति या सम्प्रदाय को मैसेज भेजता रहता है और पढ़ रहा होता है। ये लोग सोच रहे हैं कि यही जीवन का आनंद है जबकि यह आनंद नहीं बल्कि अवदास में पढ़ने का कुचक्र है। वे इसे संघर्ष समझ रहे हैं जबिक यह बहुत गलत है। आप अपने जीवन को केवल सोशल मीडिया समझकर न समझे। बल्कि इसके अलावा भी जीवन है जिसमें आप दूसरे व्यक्तियों को आनंद दे सकते हैं। यहां पर लिखी गई सभी बाते कड़वा सत्य वचन है यदि आप इस कटु सत्य सुविचार (Katu satya suvichar) को समझ गये तो आपका जीवन बहुत ही प्यारा हो जायेगा।

Kuch Katu satya suvichar

आजकल परीत्रा परिणाम में विद्यार्थी कितने भी नंबर लायें पर घर वाले खुश नहीं होते।


अगर हम विकट परिस्थिति से गुजर रहे होते हैं और प्रभु को मौन पाते हैं तो हमें याद रखना चाहिए कि परीक्षा के दौरान शिक्षक सदैव मौन रहता है। 


अगर किसी और का दुख देखकर आपको भी दर्द होता है तो इसका मतलब है कि आपकी आत्मा में परमात्मा विराजमान है।
सोच का ही फर्क होता है जनाब, वरना समस्याएं आप को कमजोर करने के लिए नहीं बल्कि मजबूत बनाने के लिए आती है।

जिंदगी एक परीक्षा है काफी लोग इसमें फेल हो जाते हैं क्योंकि वे दूसरों की नकल करते हैं, वे नहीं समझ पाते कि सबके पेपर अलग-अलग होते हैं।

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