वैष्णो माता की आरती
भारत की संस्कृति में देवी मां की उपासना का विशेष महत्व है। नवरात्रि, चैत्र या शारदीय नवरात्रि सहित किसी भी पावन अवसर पर, जब भी हम मां वैष्णो देवी का स्मरण करते हैं, तो उनकी आरती गाना या पढ़ना सबसे शुभ और मंगलकारी माना जाता है। वैष्णो माता की आरती से मन को शांति, घर में सुख-समृद्धि और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। प्रेम से बोलें—जय माता दी। आरती के समय माता वैष्णो देवी की आरती, जैसा कि नीचे दी जा रही है, वैसे ही गाई जाए।
मां वैष्णो देवी की आरती
वैष्णो माता की आरती का महत्व
- भक्ति और आस्था का प्रतीक: वैष्णो माता की आरती करने से भक्त का मन एकाग्र और प्रसन्नचित्त हो जाता है, और आस्था गहरी तथा प्रबल हो जाती है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश: मां दुर्गा के स्वरूप वैष्णो माता की आरती से आस-पास का वातावरण शुद्ध और सकारात्मक हो जाता है।
- साहस और शक्ति की प्राप्ति: वैष्णो माता की आरती करने और गाने से मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- परिवार में सुख-समृद्धि: माता की आरती करने से घर-परिवार में शांति और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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निष्कर्ष
मां वैष्णो देवी की आरती केवल कुछ शब्दों का संग्रह नहीं, बल्कि यह हमारी भक्ति, श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है। जब भी माता वैष्णो देवी की आरती की जाती है, यह हमारे मन को शांति और आत्मा को शक्ति प्रदान करती है। इस नवरात्रि या किसी भी पावन अवसर पर आरती गाकर मां से प्रार्थना करें कि वे सब पर कृपा बनाए रखें और हर घर में सुख-समृद्धि, साहस और आनंद प्रसार करें। जय माता दी।
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