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Motivational Story in Hindi | दिल को छूने वाली कहानी

दिल को छूने वाली कहानी

दूसरों को देने के लिए क्या है आपके पास

एक बार एक व्यक्ति ने एक घर खरीदा। उसमें फलों का बगीचा भी लगा हुआ था। उसके पडौस का घर पुराना था और उसमें बहुत सारे लोग रहते थे।

Motivational Story
एक दिन वह व्यक्ति अपने बगीचे में फूलों में पानी डाल रहा था तभी उसने देखा कि पडौस के घर से किसी ने बाल्टी भर कूड़ा उसके घर के दरवाजे पर डाल दिया। उसके बाद वह मन ही मन मुस्कुराया और उसके बाद शाम के समय में वह अपने पड़ौस के घर एक बाल्टी भर फल और फूल लेकर गया फिर दरवाजे की घंटी बजाई।

उस घर के व्यक्तों ने खिड़की से झाककर देखा और बेचैन होकर सोचने लगे कि कही वह लड़ाई करने तो नहीं आया है। लेकिन जैसे ही दरवाजा खोला और देखा कि रसीले ताजे फलों के साथ एक बाल्टी फल और फूल के साथ चेहरे पर मुस्कान लिए हुए उनका नया पडौसी सामने खड़ा है।

यह सब देखकर वे हैरान और परेशान हो गये। फिर उस व्यक्ति ने अंदर आने की इजाजत मांगी और कहा कि मैं आपके लिए ये सब लेकर आया हूं क्योंकि मेरे पास तो बस यही सब है। जो आपके पास था वह आपने दिया। पडौसी होने के नाते मेरा भी तो कुछ फर्ज बनता है। जो आपके पास था वो आपने दिया और जो मेरे पास है वह मैं दे रहा हूं। कृप्या इसे स्वीकार कीजिए।
धन्यवाद!

दोस्तों यह सच है कि जिसके पास जो कुछ होता है वह वहीं दूसरों को दे सकता है...
जरा सोचिए आपके पास क्या है दूसरों को देने के लिए.....

अगर यह कहानी आपको शिक्षाप्रद लगी हो तो इसे जनहीत के लिए शेयर कीजिए....धन्यवाद!

Shabd Vichar | शब्द विचार, Anmol Vachan

 शब्द विचार

Shabd Shambhale Bholiye,
Shabd Khinchate Dhyan,
Shabd Man Ghayal Kare,
Shabd Bdhate Maan...

Shabd Munh Se Chhot Gaya,
Shabd Na Vapas Aay,
Shabd Jo Ho Pyar Bhara,
Wo Hi Man Men Samaye...

Shabd Shabd Bahu Antra,
Shabd Ke Hath Na Panv,
Ek Shabd Kare Aushdhi,
Ek Shabd Kare Ghav...

अनमोल विचार

Anmol Vachan in Hindi

Shabd Vichar - Aisa Koi Saphalta Ka Chhor

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Manushy Ka Svabhaav, Aaeena Se Kam Nahin

मनुष्य का स्वभाव, आईना से कम नहीं

किसी मनुष्य का उठना और बैठना या फिर उसका रहन-सहन या उसके बात करने का तरीका ,उसके बारे में सब कुछ बयान कर देता है। इसलिए कहा जाता है कि इन्सान का स्वभाव, आईना से कम नहीं कभी नहीं होता। 

मनुष्य चाहे कितना भी पढ़-लिख जाये या फिर कितना भी अमीर हो जाये लेकिन उसके बातचीत के स्वाभाव से उसके संस्कारों का पता लग ही जाता है। 

मनुष्य का स्वभाव, आईना से कम नहीं
इसलिए हमे अपने संस्कारों को कभी भी नहीं भुलना चाहिए। अपने संस्कार तथा स्वभाव पर ध्यान देना बहुत ही जरूरी है। कहते हैं न कि यदि बच्चों में अच्छे संस्कार और स्वभाव पैदा करना है तो उसके सामने हमें अपने अच्छे संस्कार तथा स्वभाव प्रस्तुत करते रहना चाहिए। किसी ने सही ही कहा है कि एक श्रेष्ठ बालक का निर्माण करना, सौ विद्यालयों का निर्माण करने से बेहतर होता है। 

आपने कई बार ऐसा देखा होगा कि कई व्यक्तियों कि आदतें उसके स्टेटस के बुल्कुल भी मेल नहीं खाता। 

इसी को ध्यान में रखते हुए मैं एक बहुत ही पुरानी कहानी प्रस्तुत करने जा रहा हूं। आशा करता हूं यह आपको बहुत ही पसंद आयेगी। 

बहुत पुराने समय की बात है, राजा के दरबार में एक अजनबी व्यक्ति नौकरी मांगने के लिए हाजिर हुआ। वहां पर उससे उसकी क़ाबलियत पूछी गई। इसके बाद उसने बताया कि मैं एक सियासी हूँ। इसके बाद राजा ने उसे घोड़ों के अस्तबल का इंचार्ज दे दिया और काम पर लगा दिया। कुछ दिनों बाद राजा ने उसे अपने सबसे अजीज घोड़े के बारे में पूछा तो उसने राजा को बताया कि घोड़ा नस्ली नहीं है। राजा को बहुत अदिख ताज्जुब हुई। उसने जंगल से घोड़े की जानकारी वाले को बुलाया। इसके बाद उसने बताय कि घोड़ा नस्ली नहीं है इसकी पैदायश पर इसकी मां मर गई थी और यह एक गाय का दूध पीकर उसके साध बड़ा हुआ है। फिर इसके बाद राजा ने उस सियासी को बुलाया और पूछा कि तुमको कैसे पता चला घोड़ा नस्ली नहीं है?

इसके बाद उने राजा को बताया कि यह गाय कि तरह सर को नीचे करके घास खाता है जबकि नस्ली घोड़ा घास को मुहं में रखकर सर को उपर उठा खाता है। इसके राजा बहुत खुश हुआ और उसे बहुत सारा इनाम दिया।   

इसके  साथ ही उसे रानी के महल में काम करने के लिए लगा दिया। कुछ दिने बाद राजा ने उससे रानी के बारे में राय मांगी तो उसे कहा कि तौर तरीके से रानी जैसे है लेकिन राजकुमारी नहीं। ऐसा सुनकर राजा के पैरों तले जमीन निकल गई और इसके बाद अपने सास को बुलाया और पूछताछ की तो पता चला कि उनकी बेटी जन्म लेने के 6 महीने बाद मर गई थी और इसके बाद उन्होने बच्चे को गोद लिया था जो आपकी रानी है। 

इसके बाद राजे ने सियासी से पूछा आपको कैसे पता चला ?

फिर सियासी ने कहा कि रानी का  आचरण नौकरों के साथ मूर्खों से भी बदतर है। एक खानदानी इन्सान का आचरण दूसरों के प्रति अच्छा होता है जो कि रानी में है नहीं। 

राजा एक बार फिर उससे बहुत खुश हुआ और बहुत से अनाज और भेड़ बकरिया उसके इनाम में दिया। कुछ दिन के बाद राजा ने सियासी को बुलाया और अपने बारे में पूछा तो उस पर सियासी ने कहा कि जान कि खैर हो तो मैं बताऊ। राजा ने वादा किया कि बताओ आपको कुछ नहीं होगा। फिर उसने राजा को कहा कि न तो आप राजा के पुत्र लगते हैं और न ही आपके अंदर राजा वाला गुण है। राजा को बहुत गुस्सा आया लेकिन उसने सियासी से वादा किया था इसलिए उसने उसे कुछ नहीं कहा। उसने अपनी मां को बुलाया पूछा। उसकी मां ने कहा कि हमारा औलाद नहीं था इसलिए हमने एक चरवाहे के बेटे को गोद लिया था जो कि तुम हो। फिर उसने सियासी से पूछा कि तुमको कैसे पता चाला तो उसने कहा कि राजा किसी को इनाम में हीरे मोती जवाहरात देता है न कि भेड़, बकरियां और खाने की चीज। इसलिए आपका चाल चलन चरवाहे के बेटे कि तरह है, किसी राजा की तरह नहीं। 

अतः इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है किसी भी मनुष्य का आचरण उसके चरित्र को बता देता है। हमारी रहन-सहन और स्वभाव हमारे बारे में सब कुछ बताता है कि हम क्या है।

आपको मेरे यह आर्टिकल कैसा लगा, कमेंट करके बताये। यदि यह जानकारी आपको दूसरों के साथ शेयर करने लायक लगा हो तो इसे शेयर करें। 

धन्यवाद।।

Atal Bihari Vajapayee | Bhavpurna Shradhanjali

भावपूर्ण श्रद्धांजलि

Shri Atal Bihari Vajpayee ko Shradhanjali

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बड़ी रौनकें होंगी आज   ईश्वर के   दरबार में

बड़ी रौनकें होंगी आज 
ईश्वर के 
दरबार में
एक फरिश्ता पहुँचा है 
पृथ्वीलोक से 
उनके संसार में 

Badi Raunke Hongi Aaj Ishwwar ke darbar men

भावपूर्ण श्रद्धांजलि

अटल की वाणी अटल है,
अटल की कहानी अटल है,
अटल के भाषण अटल है,
अटल की भाषा अटल है,
अटलके भाव भी अटल है,
अटलके विचार अटल है,
हर घरमें अटल है,
हर दिलमें अटल है,
हर दलमें अटल है,
अटल अटल ही है,
न झुका है, न मिटा है,
हिंदुस्तान अटल है,
हर भारतीय अटल है…

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Atal Bihari Vajpeyee Hindi Quotes

Global interdependence today means that economic disasters in developing countries could create a backlash on developed countries.
In the euphoria after the Cold War, there was a misplaced notion that the UN could solve every problem anywhere.
आज वैश्विक निर्भरता का अर्थ यह है कि विकासशील देशों में आई आर्थिक आपदाएं विकसित देशों में संकट ला सकती हैं
Aaj vaishvik nirbhrata ka arth yah ki vikasshil deshon men aayee arthik aapadaye vikasit deshon men sankat laa sakati hai. 

Atal Bihari Vajpayee Dialogues

शीत युद्ध के बाद आये उत्साह में एक गलत धारणा बन गयी की संयुक्त राष्ट्र कहीं भी कोई भी समस्या हल कर सकता है
No state should be allowed to profess partnership with the global coalition against terror, while continuing to aid, abet and sponsor terrorism.

Atal Bihari Vajpyee Ji ke Anmol Vachan

भारत में भारी जन भावना थी कि पाकिस्तान के साथ तब तक कोई सार्थक बातचीत नहीं हो सकती
The reality is that international institutions
वास्तविकता ये है कि यू एन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन उतने ही कारगर हो सकते हैं