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Suvichar and Anmol Vachan in Hindi

 सुविचार 

(अनमोल वचन)


ऐसे बहुत से सुविचार होते हैं जो दिल और दिमाग को शांति और खुशी का अहसास देते हैं। वैसे तो ये बहुत छोटे छोटे वाक्य में होते है लेकिन इनके अर्थ बहुत ज्ञानवर्दक होते हैं। इसके रस और सार को अनके व्यक्ति दिमाग और सोचने की क्षमता के अनुसार तथा नजरिए से अलग-अलग लगाते हैं उनको एक ही भाव समझ में आता है वह यह कि सविचार दिल और दिमाग को शांति और खुशी प्रदार करके हमारे ज्ञान को बढ़ाता है। बहुत से ऐसे भी सुविचार होते हैं जिनसे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है इन्हें अपने जिंदगी में अपनाना चाहिए।

सविचार (अनमोल वचन) को पढ़ने से हमें वह संदेश प्राप्त हो जाता है, जो किसी भी मोटे किताब से भी नहीं प्राप्त होता। यदि आप यह देखना चाहते हैं कि अनमोल वचन अथार्त सुविचार का हमारी जिंदगी पर क्या प्रभाव होता है, तो इसे अपने के आस पास किसी दीवार पर लिख दें, इसे रोज देखें। इससे आपको कुछ ही दिनों में महसूस होने लगेगा कि जिंदगी में कुछ अच्छा बदलाव आने लगा है।

कुछ अनमोल विचार के लिंक:-

1. धर्म कोई भी हो हमें सभी धर्म का सम्मान करना चाहिए क्योंकि ईश्वर कभी भी किसी को हिंदू, मुस्लमान, सिख और ईसाइ बनाकर नहीं भेजता है। 

2. ईश्वर को सभी धर्मों में अलग अलग नामों से पुकारा जाता है लेकिन मेरे सोच के अनुसार वह अनेक होते हुए भी एक है इसलिए हमें कभी भी आपस में बैर नही रखना चाहिए सभी के धर्मों का सम्मान करना चाहिए।
3. कोई कहता है कि में हिंदू हूं और कोई कहता है कि में मुस्लमान हूं, कोई कहता है कि में सिख हूं और कोई कहता है कि में ईसाई हूं लेकिन मैं गर्व से कहता हूं कि मैं एक हिंदूस्तानी हूं क्योंकि चाहें कोई किसी भी धर्म का क्यों न हो यदि वह भारत में पैदा हुआ है तो उसका जन्म स्थल भारत का ही कहलायेगा तो हुआ न कि हम हिंदूस्तानी हैं। 

4. कहते है कि ईश्वर एक है लेकिन रूप अनेक हैं वह कहीं राम तो कहीं कृष्ण, कहीं भगवान शिव कही विष्णु के रूप में दिखाई देते हैं। हम इन्हे क्यों पूजते हैं? इसका उत्तर एक ही मिलेगा कि वे इस संसार में प्रेम और सिर्फ प्रेम तथा जनकल्याण के लिए काम किएं है इललिए वे आप पूजे जाते हैं। 

5. जिस प्रकार से प्रेम एक इसके रूप अनेक होते हैं ठीक उसी प्रकार से ईश्वर एक इसके रूप अनेक होते हैं। क्योंकि आपने देखा होगा कि एक मां आपने बच्चों से कैसे प्यार करती है और एक प्रेमी आपने प्रेमिका से तथा एक भाई अपने बहन से और एक बाप अपने बच्चों से तथा एक शिक्षक छात्र से, सब का प्यार देखने में अलग होता है लेकिन है तो वह प्यार ही। 

ऋग्वेद के अनुसार ईश्वर एक है लेकिन दृष्टिभेद से मनुष्यों ने उसे भिन्न-भिन्न रूपों में देखा है। जिस प्रकार एक व्यक्ति दृष्टिभेद के कारण परिवार में अपने लोगों द्वारा पिता, चाचा, भाई, फूफा, मामा, दादा, भतीजा, बहनोई, पुत्र, पोता, भांजा, नाती आदि नामों से संबोधित होता है, उसी प्रकार से ईश्वर भी अनेक रूपों में देखा तथा जाना जाता है।

Maha Shiv Ratri ki hardik shubhkamane and happy 2014 maha shviratri

महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

महाशिवरात्रि का महत्व
इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था

ऐसी कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। इस वजह से ही यह त्योहार मनाया जाता है। सभी शिव भक्त कांवरियों तथा धार्मिक आस्था रखने वाले लोगों में महाशिवरात्रि का महत्व बहुत अधिक माना जाता है। धर्म मतानुसार इस दिन भगवान शिव का अंश हरेक शिवलिंग में मौजूद रहता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा ईश्वर के रूप में न करके गुरू के रूप में किया जाता है। भगवान शिव ही इस संसार के पहले गुरू माने जाते हैं। इस दिन पूजा करते समय भगवान शिव के साथ देवी पार्वती और गणेश जी की भी पूजा करें। बिल्वपत्र एवं अक्षत को अपने हाथ में लेकर भगवान शिव का ध्यान करें। पूजा के लिए सभी प्रकार की समाग्री जो पंडत जी बताते हैं उसे लेकर विधि पूर्वक करें।

शिव के मंत्र का जाप करें जो इस प्रकार है-

Dev-Dev Maha Dev Nilkanth Namovastu Te.
Kartumichchhmyan Dev Shivratrivartan Tab.
Tab Prasadad Devesh Nirvighan Bhavediti.
Kamadayaroo Shatravo Maa Vai Pidankuravantu Naib Hi.
धर्म मतानुसार इस दिन भगवान शिव का अंश हरेक शिवलिंग में मौजूद रहता है।

भगवान शिव की पूजा ईश्वर के रूप में न करके गुरू के रूप में किया जाता है

भगवान शिव ही इस संसार के पहले गुरू माने जाते हैं।

इस दिन पूजा करते समय भगवान शिव के साथ देवी पार्वती और गणेश जी की भी पूजा करें।

Kamadayaroo Shatravo Maa Vai Pidankuravantu Naib Hi.

Tab Prasadad Devesh Nirvighan Bhavediti.

Kartumichchhmyan Dev Shivratrivartan Tab.

Dev-Dev Maha Dev Nilkanth Namovastu Te.

Somvar Vart ki katha

Shiv Ji ke Anmol Vachan


Is katha ke anusar jab Sanat Kumaron ne Maha Dev se Unhe Sawan Mahina Priy Hone ka Karan Poochha
Is katha ke anusar jab Sanat Kumaron ne Maha Dev se Unhe Sawan Mahina Priy Hone ka Karan Poochha To Mahadev Bhagwan Shiv ne Bataya ki Jab Devi Sati Ne Apne Pita Daksh ke Ghar Meh Yog-Shakti se Sharir Tyag kiya tha, Usase pahale devi sati ne Mahadev ko har janm men pati ke roop men pane ka pran kiya tha. Apne doosare janm men devi sati ne parvati ke naam se himachal aur rani maina ke ghar men putri ke roop men janm liya. Parvati ne sawan ke mahine men nirahar rah kar kathor vart kiya aur unhe prasann kar vivah kiya, jisake bad hi mahadev ke liye yah vishesh ho gaya. Yahi karan hai ki sawan ke mahine men suyogy var ki prapti ke liye kunwari ladaliyan vart rakhati hai.
Is vart men Bhagwav shankar ke sath mata parvati aur shri ganesh ki bhi pooja ki jati hai.
Is vart men Bhagwav shankar ke sath mata parvati aur shri ganesh ki bhi pooja ki jati hai. Varti yatha shakti panchopachar tatha poojan samagri ke sath pooja karti hai.
Shastro aur purano men sawan somvar vart ko ati phaldai kaha gaya hai.
Shastro aur purano men sawan somvar vart ko ati phaldai kaha gaya hai. Is vart ko jab vivahit striyan karti hai to parivar men khushiyan, smridhi aur samman prapt hotah hai. Purusho ko is vart se kary vyavasy men unnati, Shaikshnik gatividhiyon men saphalata aur arthik roop se majbooti milati hai.

भगवान शिव के पूजन का महीना-सावन माह

भगवान शिव के पूजन का महीना-सावन माह


कहते हैं कि सावन का महिना भगवान शिव के पूजा करने का महीना होता है लेकिन इस महीने में सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से बहुत अधिक लाभ मिलता है और हमारे सभी कष्ठों का धीरे धीरे निवारण होता है।

सावन का महिना भगवान शिव के पूजा करने का महीना होता है लेकिन इस महीने में सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से बहुत अधिक लाभ मिलता है

हिंदु धर्म के अनुसार सोमवार के व्रत तीन प्रकार के होते हैं-

1. सावन सोमवार
2. सोलह सोमवार
3. सोम प्रदोष

सोमवार व्रत और उसके करने के क्या विधि-

सोमवार के व्रत भी लगभग सभी व्रतो के समान ही है। इस व्रत को श्रावण माह से शुरू किया जाता है और इसमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है। इस व्रत को सूर्योदय से आरंभ करके तीसरे पहर तक करा जाता है। इस व्रत में भगवान शिव और पार्वती देवी की पूजा करने के बाद सोमवार व्रत की कथा सुननी जरूरी है।

पूजन करने के लिए जरूरी बातें-

1. सावन सोमवार व्रत में ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठना चाहिए।
2. पूरे घर की सफाई करनी चाहिए।
3. सुबह के समच में स्नान करना चाहिए।
4. पुरे घर में गंगा जन का छिड़काव करना चाहिए।
इस पूजन को करने के बाद भगवान शिव के इस मंत्र का संकल्प करें-
Mam Kshem-Sthairy-Vijaya-Rogyai-Shavrya-Bhivridhay-Arth Somvar Vrat Karishye
5. इसके बाद इस मंत्र पर ध्यान करें-
Dhyaye-Nnityam-Hesh Rajat-Giri-Nimbh Charoo-Chandra-Vatasam Ratna-Kalpo-Jabalang Parashu-Mirgvara-Bhitihastam Prasannam.
Padhdhasin Samatatstutumam-Mamar-Ganai-Vyargh-Kriti Vasanam Vishvdhyam Vishvdhyam Nikhil-Bhay-Harm Panchav-Katram Trinetram.
6. ध्यान करने के बाद 'ॐ नमः शिवाय' (Om Namah Shivay) के मंत्र के जाप करके पूजन करें।
7. इसके बाद भगवान शिव के सावन सोमवार व्रत का कथा सुनें।
8. कथा सुनने के बाव भगवान शिद की आरती करें और फिर प्रसाद को बांटे।
9. तत्पश्चात फलाहार या भोजन करें।

सोमवार के व्रत भी लगभग सभी व्रतो के समान ही है। इस व्रत को श्रावण माह से शुरू किया जाता है


सोमवार व्रत करने के लाभ

1. इस व्रत को करने से भगवान शिव और माता पार्वती अनुकंपा सदा आप पर बनी रहेगी।
2. आपके सारे कष्ट भी धीरे धीरे दूर हो जायेंगे।
3. आपका मन भी शुद्ध हो जायेगा जिसके फलस्वरूप आपका काम अच्छा होगा और जीवन धन धान्य हो जाचेगा।
4. भगवान शिव पर भरोसा करें क्योंकि शिव अपने भक्ते के कष्ठों का हरण करते हैं।
आपका मन भी शुद्ध हो जायेगा जिसके फलस्वरूप आपका काम अच्छा होगा और जीवन धन धान्य हो जाचेगा।

For Social media post-6- Love Sayari and Sms

Love Sayari and Sms


Na Jane Kaun Si Baat Aakhari Ho,
Na Jane Kaun Si Mulakat Akhari Ho,
Ye Sochakar Sabko Yaad Karke Sote H
 Na Jane Kaun Si Raat Akhari Ho.

Na Jane Kaun Si Baat Aakhari Ho

Zindgi Itani Tanha Kyo Hoti H,
Sabko Kismat Se Sikayat Kyo Hoti H,
Ye Kismat V Ajib Khel Khelati H,
Jise Pana Muskil Hota Mohbbat Usi Se Kyo Hoti H.

Zindgi Itani Tanha Kyo Hoti H

Kash ye jalim judai na hoti,
Rab Tune Dil Chiz Banai Na Hoti,
Na Unse Milate Na Mohabbat Hoti,
Zindgi Jo Apni Thi Aaj Wo Parai Na Hoti.
Kash ye jalim judai na hoti
Tute Hue Tare Ko Dekhakar Maine Dil Se Kaha
Ye Dil Mang Le Tu V Fariyad  Koi,
Par Dil Se Awaj Aai Jo Khud Hi Tut Raha H
Wo Kya Puri Karega Fariyad Koi.
Tute Hue Tare Ko Dekhakar Maine Dil Se Kaha
Unko Apne Haal Ka Hisab Kya Dete
Sawal Sare Galat The Jawab Kya Dete,
Wo To 3 Lafzo Ki Hifazat V Na Kar Paye
Phir Unke Hanth Me Puri Zindgi Ka Kitab Kya Dete.
Unko Apne Haal Ka Hisab Kya Dete
Koi Chahata Hai Kisi Ko Apnane K Liye,
Koi Chahata H Kisi Ko Tanhai Se Bachane K Liye,
Hame To Har Kisi Ne Chaha Sirf Apna Dil Bahlane K Liye.
Koi Chahata Hai Kisi Ko Apnane K Liye
Chaho Tum Jise Chahat Se Jyada,
Sapne Dekho Tum Jiska Nind Jyada,
Mango Tum Jise Mannat Se Jyada,
Kuda Kare Wo V Tumhe Pyar Kare Apni Saanso Se Jyada.
Chaho Tum Jise Chahat Se Jyada
Mitati Zindgi Par Dost Ek ahsan Kr Do
Benam Sa Rishta Mere Naam Kr Do,
Subah Ko Milo Aur Sham Kr Do,
Aur Sham Tak Mere Ghar Ka Sara Kaam Kr Do.
Mitati Zindgi Par Dost Ek ahsan Kr Do
 

For Social media post-5- Love Sayari and Sms

Love Sayari and Sms


(1. ) Ye Dil Kise Ki Yaad Me Rona Fizul H,
Aanshu Bade Anmol Hai Inhe Khona Fizul H,
Ro To Uske Liye Jo Tumpe Nisar Hai
 Uske Liye Kya Rona Jinke Aasiq Hazar H.
Ye Dil Kise Ki Yaad Me Rona Fizul H

(2. ) Is Kadar Har Taraf Tanhai H,
Ujalo Me Andhero Ki Parchhai H,
Kya Hua Jo Gir Gaye Mere Palko Se Anshu
Sayad Yaad Unki Chupke Se Chali Aai Hai.
Is Kadar Har Taraf Tanhai H

(3. ) Pyar Aur Dosti Me Bas Falk Itna Paya H,
Ek Ne Sahara Diya To Dusare Ne Sath Nibhaya H,
Kis Riste Ko Gahra Kahe Ek Ne Zindgi Di
To Dusre Ne Jina Sikhaya H.
Pyar Aur Dosti Me Bas Falk Itna Paya H

(4. ) Dil Badal Na Dena Sim Ki Tarah,
Mohbbat Law Na Karna Battery Ki Tarah, 
Pyar Kam Na Karna Balance Ki Tarah,
Aur Hamesa Meri Kami Mehsus Karna Charger Ki Tarah.
Dil Badal Na Dena Sim Ki Tarah

(5. ) Raat Me Chand Se Jab Mulakat Hoti H,
Apke Bare Me Kuch Baat Hoti H,
Wo Kahta H Mere Paas Ek Khusurat Sitara H
Ham Kahte H Use V Sundar Dost Hamara H.
Raat Me Chand Se Jab Mulakat Hoti H

(6. ) Chupke Se Chand Ki Rosani Apki Ho Jaye,
Dhire Se Hawa Apko Chu Jaye,
Dil Se Jise Aap Chahte Ho Unhe Mang Lo,
Ham Dua Karenge Wo Apko Mil Jaye.
Chupke Se Chand Ki Rosani Apki Ho Jaye

(7. ) Is Tanha Zindgi Me Koi Sahara Nahi,
Itani Badi Duniya Me Koi Hamara Nahi,
Kadam Ladkhadaye To Unka Daman Tham Liya,
Aur Wo V Has K Bole Ye Hak Tumhara Nahi.
Is Tanha Zindgi Me Koi Sahara Nahi

(8. ) Zindgi Itna Dard Deti H,
Dil Me Phir V Ummid Rahti H,
Dil Kahta Wo Nahi Yaad Karte Honge
Per Wo Yaad Karte Honge Ye Meri Ummid Kahti Hai.

Zindgi Itna Dard Deti H

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(1.) Laila Ko Majnu Ka Sms Nahi Aaya,
Laila Ne Tin Din Tak Khana Nhi Khya,
Laila Mar Rahi Thi Majnu K Pyar Me,
Aur Majnu Baita Tha Sms Free Hone K Intejar Me.

Laila Ko Majnu Ka Sms Nahi Aaya

(2.) Bewajah Kisi Ko Sataya Nhi Karte,
Had Se Jyada Kisi Ko Tadpaya Nhi Karte,
Jinki Saanse Chalti Ho Apke Lafjo Se,
Unhe Apni Aawaj Sunane Ko Rulaya Nhi Karte.

Bewajah Kisi Ko Sataya Nhi Karte

(3.) Dakti Raat Ko Apka Ehsaas H,
Is Dil Me Apki Jagah Kuch Khas H,
Aap Saath Nhi Ho Phir V Ye,
Dil Kahta H Ki Ek Pyara Sa Dost Aas Paas H.

Dakti Raat Ko Apka Ehsaas H

(4.) Ye Judai V Aapki Ek Ada H,
Dur H Aap Se Ye Hamari Saja H,
Dil Me Basi H Tasvir Aapki,
Phir Kaise Kahe Ki Aap Hamse Dur  Hai.

Ye Judai V Aapki Ek Ada H

(5.) Banke Aanshu Meri Dhadkan K Paas Rahte Ho,
Tasvir Banke Meri Aankho K Paas Rahte Ho,
Aaj Pucchana H Ek Sawal Aapse,
Dur Hoke Kya Aap V Udas Rahte Ho.

Banke Aanshu Meri Dhadkan K Paas Rahte Ho

(6.) Nadiyo Se Kinare Chut Jate Hai,
Aasman Se Sitare Tut  Jate H,
Zindgi K Raho Me Aksar Aisa Hota H,
Jinhe Ham Chahte H Wahi Ham Se Ruth Jata H.

(7.) Us Paar Hi Sahi Kinara To H,
Timtimata Hi Sahi Sitara To H,
Ho Jati H Apki Yaad Se Tassali,
Dur Hi Sahi Koi Hamara To H.

(8.) Ruth Kar Usko Manaya Na Gaya,
Khud V Roye Aur Usko Chupaya Na Gaya,
Hui Thi Ki Ab Rah Lenge bin Uske,
Phir V  Dil Kahi Aur Lagaya Na Gaya.