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  सकारात्मक विचार

हमारा दिमाग कैसे काम करता है ?- 

कई बार क्या होता है कि आप जब अपने लिए कुछ नई चीज जैसे- घड़ी, किताब, पेन
कई बार क्या होता है कि आप जब अपने लिए कुछ नई चीज जैसे- घड़ी, किताब, पेन आदि खरीद कर लाते हैं तो उसे घर के अंदर ही कहीं पर रखकर भूल आते हैं और काफी याद करने पर भी आपको याद नहीं आता कि वह चीज आपने कहां रखी है। जब वह चीज आपने स्वयं रखी है तो आपको याद क्यों नहीं आ रहा कि वह चीज कहां रखी है- ऐसा क्यों होता है?
असल में हमारे दिमाग में एक ऐसा भाग होता है जिसमें हमारे द्वारा याद की हुई ऐसी सूचनाएं और योजनाएं जमा रहती है जो हमारा अस्तित्व बनाए रखने के लिए जरूरी है। अगर  हमने अपनी योजनाओं को साफ रूप से परिभाषित नहीं किया है तो इसका मतलब यह कि हमने अपने सपनों को साकार करने के लिए अपने दिमाग को ठीक से कार्यबद्ध नहीं किया है।
जब हम अपने मस्तिष्क को प्रशिक्षित कर रहे होते हैं तो उस समय आप अपने रेक्टिकुलर एक्टीवेटिंग सिस्टम को भी संचालित कर रहे होते हैं। इस समय आपके दिमाग का वह विशेष भाग (जिसमें सारी सूचनाएं आदि जमा रहती है) चुम्बक की तरह बन जाता है जो सूचनाओं तथा अवसरों को अपनी तरफ स्वयं ही आकर्षित करता रहता है।

अपने मकसदों को सामने रखें- 

अपने मन में सोचिए कि एक साल के अंदर आपने जिन-जिन कार्यों को करने के बारे में सोचा था, वह सारे आपने एक साल में पूरे कर लिए। अब देखिए कि ऐसा सोचकर आपको कैसा महसूस हो रहा है, आपको अपनी जिंदगी कैसी लग रही है? ये प्रश्न आपकी हर योजनाओं को सफल बनाने में आपकी मदद करेगा। आपको क्यों की जरूरत है तथा कैसे आपको अपने आप मिल जाएगा।
सबसे पहले आपको पूरे साल मे क्या-क्या करना है उसमें से चार योजनाओं को अपने दिमाग में बैठा लें। इसके बाद अपनी प्रतिबद्धता के स्तर पर और इन योजनाओं को पूरा करने के लिए आपको क्या-क्या कदम उठाने की जरूरत है, इस पर एक पैराग्राफ लिखें।

असफलता में ही सफलता छिपी है- 

अगर आप पहली ही बार में अपने किसी काम को पूरा करने में सफल नहीं हो पाते तो क्या आपको उस काम को करने का ख्याल छोड़ देना चाहिए या दुबारा से उस काम को पूरा करने की कोशिश में लग जाना चाहिए। इसका सीधा सा जवाब यह है कि जब तक आपको अपने काम में सफलता न मिल जाए तब तक उस काम को करते रहना चाहिए चाहे इसके लिए आपको कितनी ही परेशानियां क्यों न सहनी पडे़, और जब आपका वह काम पूरा हो जाएगा तो आपको अपने अंदर वह चीज महसूस होगी जिसके बारे में आपने सपने में भी नहीं सोचा होगा।
मजबूती और प्रतिबद्धता आपके व्यक्तित्व की महत्त्वपूर्ण स्रोत होती है। किसी चीज में रुचि लेना ही काफी नहीं होता बल्कि प्रतिबद्धता बहुत जरूरी है। यह संभव है कि आपको मिलने वाली छोटी सी असफलता आपकी सोच को भविष्य में मिलने वाली सफलता के लिए मजबूत बना दें।
अपनी असफलताओं का मूल्यांकन कीजिए कि आपने उनसे क्या सीखा है? पूरी सफलता पाने के लिए इस मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए अपने काम को पूरा की कोशिश में लगे रहें।

हर पल का आनंद लें- 

 खुशी तथा प्रसन्नता को किसी भी पल नजरंदाज नहीं किया जा सकता। जिंदगी का आनन्द उठाने के लिए अपने द्वारा की जा रही योजनाओं को पूरा करने की जरूरत नहीं है। हर पल महत्त्वपूर्ण है। अपने वर्तमान पर ध्यान दें, हर दिन को पूरे दिल से और हर पल को जी भरकर जिएं।
आपके जीवन में खुशी और उन्नति किसी एक योजना की सफलता की मोहताज नहीं है। आपकी योजना उतना महत्त्वपूर्ण नहीं है जितना कि उसको पाने के लिए आपके द्वारा चुना गया रास्ता। आपको सिर्फ अपनी दिशा पहचाननी है और अपने उद्देश्यों की तरफ चल पड़ना है।

मंजिल पर पहुंचने के लिए खुद को प्रोत्साहित कैसे करें?- 

इसके लिए सबसे पहले पिछले समय की उन योजनाओं को अपने दिमाग में याद करें जिनमें आपने सफलता पाई थी। सोचिए कि उस समय आपके मार्ग में किस तरह की रूकावटें आई थीं ओर आपने किस तरह उन रुकावटों का सामना करके अपनी मंजिल को प्राप्त किया था।

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